देशकी ताकत
चाहे कर दो अंधेरा हजार दिवारोंसे,
एक छोटी लौ काफी है अंधेरा मिटानेको ।
चाहे ढँक लो अपनी करतूतें हजार परदोंमें,
एक तेज वार काफी है उन्हें टर्रारा फाडनेको।
जमा ली पूरी सेना विराटकी गायें हडपनेको,
एक अर्जुन काफी था उन्हें छुडानेको।
हडप लो देशकी मिट्टी-जमीं दामादके नातेसे,
एक म्यूटेशन-रिवर्सल काफी है देशकी ताकत जगानेको।
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Sunday, October 21, 2012
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