Thursday, April 21, 2016

पायो जी उनने घणो काल्यो धन+ इन्हीं लोगोंने ले लीना

पायो जी उनने घणो काल्यो धन पायो ।
सीख अमोलिक दिन मेरे राजा
ब्लैक मनी यही है कहायो ।
सीख अमोलिक दिन मेरे राजा
स्विस बैंक में ही रखायो ।
सीख अमोलिक दिन मेरे राजा
दिन दिन बढत सवायो ।
सीख अमोलिक दिन मेरे राजा
कभी ना सजा दिलवाइयो ।
सीख अमोलिक दिन मेरे राजा
अनशन कोई ना कराइयो ।
सीख अमोलिक दिन मेरे राजा
चुप व्है तकते रहियो ।
सीख अमोलिक दिन मेरे राजा
उनके गुण सब गाइयो ।
पायो जी उनने घण्यो काल्यो धन पायो ।
-- लीना मेहेंदळे
-- 7.6.2011

WEDNESDAY, JUNE 29, 2011


इन्ही लोगोंने ले लीना वोटका हक मेरा

इन्ही लोगोंने, इन्ही लोगोंने, इन्ही लोगोंने,
इन्ही लोगोंने ले लीना वोटका हक मेरा
हमरी न मानो रूल फॉर्टी-नाइन से पूछो, 
जिसने अनास्था मत फेंका कचरे में मेरा
हमरी न मानो इ.व्ही. मशीन से पूछो
जिसने अनास्था मत रोक दियो है मेरा
हमरी न मानो कलक्टर से पूछो
जिसने आगे नही बढायो प्रस्ताव मेरा
हमरी न मानो सी.ई. सी. से पूछो
बैठा रहे दिल्लीमें हाथपे हाथ धरा
हमरी न मानो विधी-मंत्री से पूछो
सुप्रीम कोर्टमें बयान देनेसे मुकरा
हमरी न मानो सुप्रीम कोर्टसे पूछो
कुंडली मारके फैसला भी वापस फेरा
हमरी न मानो हमरे मनवा से पूछो
वोटिंग को काहे ड्यूटी मानेगा मन ये मेरा
इन्ही लोगोंने इन्ही लोगोंने, इन्ही लोगोंने
इन्ही लोगोंने बेकार किया जनतंत्र मेरा

बलसागर होवे भारत - बलसागर भारत होवो - Balasagar Bharat


बलसागर भारत -- साने गुरुजी, हिन्दी अनुवाद -- लीना मेहेंदले

बलसागर भारत 
-- साने गुरुजी
हिन्दी अनुवाद -- लीना मेहेंदले
[Can be sung with the same tune as original Marathi]
published in Devputra monthly from Indore
बलसागर होवे भारत
विश्व में रहे अपराजित।

ये कंकण बाँधा कर में
जीवन हो जनसेवा में
हों प्राण राष्ट्र के हित में
मैं मरने को भी उद्यत
बलसागर होवे भारत।

वैभव दिलवाऊँ इसको
सर्वस्व सौंप दूँ इसको
तिमिर घोर संहारन को
तुम बंधु, बनो सहायक
बलसागर होवे भारत।

हाथों में हाथ मिलाकर
हृदयों से हृदय जुडाकर
एकता मंत्र अपनाकर
हो जाएं कार्यों में रत
बलसागर होवे भारत।

कर ऊँची दिव्य पताका
गूँजाओ गीत भारत का
विश्व में पराक्रम इसका
दिग्‌ दिगन्त गूँजे स्वागत
बलसागर होवे भारत।

अब उठो श्रम करो सार्थ
दिखलाना है पुरुषार्थ
यह जीवन ना हो व्यर्थ
चमकाओ भाग्य का सूरज
बलसागर होवे भारत।

भारत माँ फिर सँवरेगी
प्रभुता भी दिव्य पाएगी
विश्व में शांति लाएगी
वह स्वर्णिम दिन है निश्चित
बलसागर होवे भारत।
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बलसागर भारत होवो, विश्वात शोभुनी राहो

हे कंकण करि बांधियले, जनसेवे जीवन दिधले
राष्ट्रार्थ प्राण हे उरले, मी सिद्ध मरायाला हो

वैभवी देश चढवीन, सर्वस्व त्यास अर्पीन
तिमीर घोर संहारीन, या बंधु सहाय्याला हो

हातांत हात घेऊन, हृदयास हृदय जोडून
ऐक्याचा मंत्र जपून, या कार्य करायाला हो

करि दिव्य पताका घेऊ, प्रिय भारतगीते गाऊ
विश्वास पराक्रम दावू, ही माय निजपदा लाहो

या उठा करू हो शर्थ, संपादु दिव्य पुरुषार्थ
हे जीवन ना तरि व्यर्थ, भाग्यसूर्य तळपत राहो

ही माय थोर होईल, वैभवे दिव्य शोभेल
जगतास शांति देईल, तो सोन्याचा दिन येवो