Sunday, July 11, 2010

मारवा से -- जीवन

काव्यसंग्रह मारवा से
जीवन

गगरी में छोटी सी रहा जो ---- वह भी जीवन
जलधी में भयकारक तांडव ---- वह भी जीवन।
रश्मिरथों पर, अरूप होकर चढे गगन में,
श्याम नील घन बन कर बरसे ---- वह भी जीवन॥
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