बलसागर भारत
-- साने गुरुजी (मराठी)
-- अनुवाद -- लीना मेहेंदले (यह लोकप्रिय गीत जिस धुनमें मराठी में गाया जाता है,वही धुन हिंदी गीत के लिये लागू है।)
बलसागर होवे भारत।
विश्र्व में रहे अपराजित।।
ये कंकण बाँधा कर में
जीवन हो जनसेवामें
हों प्राण राष्ट्र के हित में
मैं मरने को भी उद्यत
बलसागर होवे भारत।।
वैभव दिलवाऊँ इसको
सर्वस्व सौंप दूँ इसको
तिमिर घोर संहारनको
तुम बंधु बनो सहायक
बलसागर होवे भारत।।
हाथों में हाथ मिलाकर
हृदयों से हृदय जुडाकर
एकता मंत्र अपनाकर
हो जाएं कार्योंमें रत
बलसागर होवे भारत।।
कर ऊँची दिव्य पताका
गूँजाओ गीत भारत का
विश्र्व में पराक्रम इसका
दिग् दिगन्त गूँजे स्वागत
बलसागर होवे भारत।।
अब उठो श्रम करो सार्थ
दिखलाना है पुरुषार्थ
यह जीवन ना हो व्यर्थ
चमकाओ भाग्यका सूरज
बलसागर होवे भारत।।
भारत माँ फिर सँवरेगी
प्रभुता भी दिव्य पायेगी
विश्वमें शांति लायेगी
वह स्वर्णिम दिन है निश्चित
बलसागर होवे भारत।।
-----------------------------
Sunday, July 4, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment