Sunday, March 14, 2010

छन्दोमयी से -- सूर्यपुत्र

सूर्यपुत्र

जिनका बाप नही है
ऐसे सारे अनौरस पुत्रों में
मैं सर्वश्रेष्ठ हूँ ---
सूर्यपुत्र।

मुझे आकार दिया है
सूर्य और पृथ्वी के बीच
एक अज्ञात संकेत ने।

हाँ, दिया होगा जन्म मुझे
शायद किसी पुरुष के वीर्य ने
लेकिन गर्भ के गहन अंधेरे में
लज्जाास्पद बना हुआ मेरा अस्तित्व
जब लक्षदल कमल बनकर
प्रस्फुटित हुआ,
तेजोमय हुआ,

वह तुम्हारे व्यवहार से परे,
सूर्यके आशीर्वाद से
और धरा की ममता से।

इसीलिए मैं वही कानून मानता हूँ
जिनका उगम मानव
या मानव समूह में नही
बल्कि है सूर्य के प्रकाश में
और धरती की ममता में।

केवल वही कानून मैं जानता हूँ
केवल वही कानून मैं मानता हूँ
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