Sunday, March 14, 2010

छन्दोमयी से -- कणा

कणा

'"पहचाना सर मुझे ?"' कोई बारिश में आया
कपडे माटी सने, साँवला तन मुरझाया।
क्षण भर बैठा, हँसा, शून्य में तक कर बोला
मेहमान बन घर आई थी गंगा मैया।

रही आठ दिन जैसे गोरी कोई मैके आए
चार दीवारों के अंदर भी धमाचौकडी छाए।
बहा ले गई चूल्हा चौका, खाली हाथ क्या जाती
धँसी दीवारें, बिखरे सपने, घरवाली बच पाई।

छोड गई थोडा प्रसाद सा इन पलकों में पानी
शुरुआत अब फिर से करनी, फिर से नई कहानी।
घरवाली को लिए साथ घर फिर से बाँध रहा हूँ
माटी कीचड फेंक रहा हूँ, ईंटें उठा रहा हूँ।

जेब टटोली मैंने तो वह हँसता सा उठ गया
पैसे नहीं, अकेलापन सर, बाँटने को मैं आया।
उजड गया घरबार फिर भी टूटा नहीं 'कणा'
हाथ पीठ पर रख कर कहिए 'जारी रखो लडना'।
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  • Sudhindra Kumar · Friends with Rajendra Kumar Chadha
    स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें। जय हिन्द
  • Chhaya Thorat आभारी लिनाजी...कितनी बडी बात कितनी सरलता से कही गई है...
    जो हर किसी को हौसला दे जाती है...
    जीने का हौसला..
    सबकुछ खोकर भी... सब कुछ पाने का हौसला...
    स्वतंत्रता दिन की आपको शुभकामनाये...
  • Leena Mehendale रही आठ दिन जैसे गोरी कोई मैके आये -- इसपरSanjay Bhagat ने एक बार मुझसे कहा था -- कि इस पंक्ति का अनुवाद ऐसी किसी भाषामें नही हो सकता जहाँकी संस्कृतिमें ब्याहता लडकीके आठ दिन मैके आने की, धमाचौकडी मचानेकी या नदीको एक मैके आई लडकीके रूपमें देखनेकी परंपरा न हो। भाषा संस्कृति का वहन करती है। इसीसे अंग्रेजी हमारे लिये पराई भाषा ही रहेगी। इसीसे अपनी भाषाको अग्रक्रम देना ही होगा। वरना भारत नामकी संस्कृति ही मिट जायगी।
  • Vrushali Mandape nice translation ...! so simple words yet so powerful...Aashayghan...!! we would like to hear more from u mam..!!
  • Suresh Patel · Friends with Uday Prakash and 1 other
    like
  • Sulbha Nipanikar Jadhav लीनाताई, आवडती कविता अशी दुसऱ्या भाषेतुन वाचताना तितकीच भावली.
  • Kavita Kshirsagar " भारताचा स्वातंत्र्यदिन चिरायु होवो...!!! स्वातंत्र्य दिनाच्या खूप खूप शुभेच्छा...!!! जय हिंद...!!! "
  • Anil Garg छोड गई थोडा प्रसाद सा , इन पलकों में पानी
    आँखों में पानी आ ही गया।
  • Sanjay Bhagat "वोह हस्ता हुआ उठ गया, पैसा नहीं, अकेलापन बाँटने के लिए मैं आया हूँ ".......Thanks a million Ma'am :)
  • Bharat Lal Nishad · Friends with Lalit Surjan
    bahut sundar bahut samvedansheel rachna...........
  • Pk Sharma so inspiring
  • Arun Gadre I vouch from personal experience that you are a gifted translator. I am sure Kusumagraj would have loved this translated version.
  • Jai Singh · Friends with Uday Prakash and 3 others
    आप जीवन के उस पक्ष को खोज कर हमारे सामने ले आते हौं जिनकी तरफ हमारी निगाहें अक्सर नहीं जा पातीं
  • Madhukar Verma कुसुमाग्रज की एक कविता की ये पंक्तियाँ अवसरवादी और कुर्सी केन्द्रित राजनीती के लिए सदैव प्रासंगिक रहेंगी - " गर्भगृह सलामत रहे देवता तो हजारों मिल जायेंगे"
  • Manoj Dhyani · Friends with Desh Nirmohi and 3 others
    मेरे लिए इस अनुवाद के अर्थ कुछ अलग तरह से खुल रहे हैं , कारण मेरे प्रदेश के उत्तरकाशी जिले में अस्सी गंगा कुछ ऐसे ही अंदाज़ में , अभी अभी मइके आकर लौटी हैं मॉल असबाब समेत !!!
  • Leena Mehendale Manoj Dhyani -- मनोज, हमारी तो पूरी संस्कृतिही नदियोंके आसपास पलनेवाली संस्कृति रही है, ओर ये मइके आकर लौटी हैं मॉल असबाब समेत वाले प्रसंग भी हमने सदियोंसे झेलकर भी नदियोंको हमेशा माँ बहन बेटीकी ही उपमा दी है, असल बात है जारी रहे लडना --और उस समय यदि गुरुजनका हाथ पीठपर हो तो क्या बात है।
  • Leena Mehendale Jai Singh -- इसी बातपर तो कवि हम सामान्य लोगोंसे अलग होते हैं। और कुसुमाग्रजकी कविता तो ऐसे प्रसंगोंसे भरी पडी है। कितने उदाहरण गिनाऊँ ? यह एक बानगी --सबसे मधुर स्वर 
    न महफिल के गाने का 
    न पहाडी झरने का 
    न कोयल के कूजन का 
    न सागर की लहरों का 
    न आमंत्रक होठों की 
    मौन किलकारी का। 

    सबसे मधुर स्वर 
    कहीं पर किसी के 
    हाथ पाँव पडी श्रृंखला 
    छनछनाकर टूटने का। 
    ------------------------आप मेरे ब्लॉग पर अनुवादित उनकी कविताएँ देख सकते हैं।
  • Leena Mehendale Jai Singh --आप मेरे ब्लॉग पर अनुवादित उनकी कविताएँ देख सकते हैं।http://hindi-kusumagraj.blogspot.com/
    hindi-kusumagraj.blogspot.com
    As I read about the sad demise of tatyasaheb, and articles quoting his poetry, i...See More
  • Sanjay Kashilal Bhardwaj prayas sarahneey hai. anuwad anivarya aavashyakata hai, isme do raay nahi par 'kana" ko marathi me padhane ke baad ek alag hi romanch anubhav hota hai.
  • Neera Bhasin · Friends with Rajendra Chadha
    kanna---jis bhasha mai chahe kahen sach hi lagegi
  • Leena Mehendale Sanjay Kashilal Bhardwaj isme koi do rai nahi. phir bhi jinhe marathi na aati ho, ve hindi ke madhyam se us bhav tak pahunch sakte hein.
  • Yogesh Damlé http://tarjumaa.blogspot.in/2008/02/blog-post.html

    Leenaji, hope you like it. :)
    tarjumaa.blogspot.com
    मराठी और कोंकणी भाषाओं की चुनिंदा रचनाओं का हिंदी में भावांतर.
  • Leena Mehendale Yogesh Damlé बहुत खूब
  • गीता पंडित · Friends with Jayprakash Manas and 45 others
    वाह....
  • Suman Sharma · 3 mutual friends
    sundar anuvad


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