Sunday, March 14, 2010

छन्दोमयी से -- तब भी

तब भी

जब मैं न हूँगा
तब भी मैं हूँगा
तुम्हारी पलकों की
अनगढी बूँद में
और आज की तरह
तब भी कहूँगा
आज भी उसी तरह
अनगढ ही हूँ मैं॥
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