सस्ता सौदा सरकारी
पैर तले रौंद कर,
जगदम्बा के समान
ग्रीष्म के दोपहर की
हिंヒा, राक्षसी धूप
बबूल के पेड तले
क्रेश में लिटाए हुए
बच्चे की बिलखती
अंतडियों की भूख
आर्तनाद से छलका
चोली में जो दूध
बाँध वापस चोली में,
प्राणांतिक आवेश में ----
फोड रही है पत्थर -----
गढ रही है कल यहाँ से
जानेवालों का रास्ता,
और परसों
देश में जन्मनेवालों का
भविष्य।
और यह सब
रोजगार हमी योजना के
तीन रुपयों में केवल।
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Sunday, August 7, 2011
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