Saturday, August 6, 2011

महावृक्ष से -- कली का हक

कली का हक

हर कली को जन्मसिद्ध हक है चटखने का।
माटी से मिली विरासत को गगनपटल पर लिखने का॥

खिले शाही उद्यानों में, या मरुभूमि में उजाड
पर हर कली को हक है, फूल बन कर खिलने का॥

हो गुलाब या कमल कली हो, या नाली पर खिली कली
बाट जोहता होता उसकी प्रकाश कण एक सूरज का॥

हर कली में जिवन्त है दृढ निश्चय पुष्पित होने का
नखरे नाज दिखाने का, औ' सुगंध बरसाने का॥
----------------------------------------------------------

No comments: